,
नोट-इस लेख में हम डेंगू से संबंधित सभी जानकारी प्राप्त करेंगे जैसे कि-
1. डेंगू या डेंगू फीवर (Dengue Fever) क्या है?
2. डेंगू कैसे फैलता है?
3. डेंगू फीवर के कितने सिरोटाइप होते हैं?
4. डेंगू फीवर के लक्षण क्या होते हैं?
5. डेंगू का निदान (Diagnosis)
1. डेंगू या डेंगू फीवर क्या है?
डेंगू एक मच्छर का नाम है और डेंगू मच्छर से होने वाली बीमारी को डेंगू फीवर कहा जाता है। डेंगू फीवर विषाणु जनित बीमारी है। गंभीर डेंगू को पहली बार 1950 के दशक में फिलीपींस और थाईलैंड में डेंगू महामारी के दौरान पहचाना गया था।
नोट- डेंगू को हड्डी तोड़ बुखार (break-bone fever) के नाम से भी जाना जाता है।
2. डेंगू फीवर कैसे फैलता है?
डेंगू फीवर एक मच्छर जनित वायरल बीमारी है जो मुख्य रूप से एडीज एजिफ्टी प्रजाति के मादा मच्छरों द्वारा फैलता है, इसके अलावा यह मच्छर येलो फीवर, चिकनगुनिया जिका वायरस के भी वाहक माने जाते हैं। डेंगू मच्छर उष्णकटिबंधीय और उपोषण कटिबंधीय में पाया जाता है।
3. डेंगू फीवर के कितने सिरोटाइप होते हैं?
डेंगू पैदा करने के लिए जिम्मेदार वायरस को डेंगू वायरस कहा जाता है,डेंगू फ्लेविविरीडे परिवार के एक वायरस के कारण होता है। डेंगू के चार सिरोटाइप होते हैं जिसका मतलब होता है कि चार बार संक्रमित होना संभव है। डेंगू वायरस के चार सिरोटाइप निम्न है-
DENV-1, DENV-2, DENV-3, और DENV-4.
4. डेंगू फीवर के लक्षण क्या होते हैं?
डेंगू एक गंभीर फूलों जैसी बीमारी है जो शिशुओं एवं छोटे बच्चों और वयस्कों को प्रभावित करती है, बहुत ही कम यह मृत्यु का कारण बनती है। आमतौर पर इसके लक्षण 2 से 7 दिनों तक रहते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) डेंगू को दो श्रेणियों में विभाजित करता है- 1. डेंगू (चेतावनी के संकेत के साथ), 2. गंभीर डेंगू
1. डेंगू (चेतावनी के संकेत के साथ/बिना)-डेंगू का संदेह तब होना चाहिए जब बुखार के दौरान शरीर का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस या 104 डिग्री फॉरेनहाइट या इससे ऊपर पहुंच जाए।
इसके लक्षण निम्नलिखित हैं-
*मांसपेशियों और जोड़ों का दर्द,*भयानक सर दर्द, जी मिचलाना, उल्टी, ग्रंथियों में सूजन आंखों के पीछे दर्द आदि।
2. गंभीर डेंगू- बीमारी शुरू होने के लगभग 3 से 7 दिनों के बाद एक मरीज सामान्य रूप से क्रिटिकल फ्रिज के रूप में रहता है, इस समय रोगी के बुखार या शारीरिक तापमान 38 डिग्री सेल्सियस से नीचे गिर रहा होता है तो ऐसी स्थिति में गंभीर डेंगू से जुड़े चेतावनी संकेत प्रकट हो सकते हैं।
गंभीर डेंगू के लक्षण निम्नलिखित हैं-
*तेजी से सांसे लेना, *लगातार उल्टियां, पेट में तेज दर्द, मसूड़ों से खून बहना, बेचैनी, थकान,उल्टी के साथ खून आना आदि।
5. डेंगू का निदान (Diagnosis)
डेंगू संक्रमण के निदान के लिए कई विधियों का उपयोग किया जा सकता है इनमें से वायरोलॉजिकल परीक्षण जो सीधे वायरस के तत्वों का पता लगाते हैं और इसके अलावा सेरोलॉजिकल परीक्षण भी शामिल है जो मानव व्युत्पन्न प्रतिरक्षा घटकों का पता लगाते हैं। बीमारी के पहले सप्ताह के दौरान एकत्र किए गए रोगी के सैंपल का परीक्षण सेरोलॉजिकल और वायरोलॉजिकल दोनों तरीकों (RT-PCR) के द्वारा किया जा सकता है। और हां गंभीर डेंगू के लिए रोग के प्रभाव और प्रगति के साथ अनुभवी चिकित्सकों और नर्सों द्वारा चिकित्सा देखभाल के माध्यम से रोगी का जीवन बचाया जा सकता है मृत्यु दर को 20% से कम करके 1% परसेंट तक किया जा सकता है। डेंगू की गंभीर देखभाल के लिए रोगी के शरीर के तरल पदार्थ की मात्रा का रखरखाव महत्वपूर्ण है।
***इस लेख को पढ़ने के लिए आप सभी का धन्यवाद।।