*हेपेटाइटिस क्या है?/ When is Hepatitis?
*हेपेटाइटिस के कितने प्रकार होते हैं?/ How many types of Hepatitis?
*हेपेटाइटिस के लक्षण (Symptoms) क्या है?
*हेपेटाइटिस को कैसे रोका जा सकता है?
**हेपेटाइटिस (Hepatitis) के बारे में मुख्य तत्व-
- हेपेटाइटिस एक विषाणु जनित बीमारी है।
- हेपेटाइटिस बीमारी यकृत को प्रभावित करती है।
- हेपेटाइटिस मुख्य रूप से पांच प्रकार के होते हैं
- हेपिटाइटिस A, हेपेटाइटिस B, हेपेटाइटिस C, हेपेटाइटिस D, हेपेटाइटिस E.
- आमतौर पर हेपिटाइटिस या (यकृत की सूजन) के लिए जिम्मेदार वायरस हैं- हेपिटाइटिस A, हेपेटाइटिस B, हेपिटाइटिस C.
*हेपेटाइटिस क्या है?/ When is Hepatitis?
हेपिटाइटिस का अर्थ है- लीवर (यकृत) की सूजन। हेपेटाइटिस मुख्य रूप से वायरस के कारण फैलने वाली बीमारी है और हेपेटाइटिस मुख्यत: यकृत को प्रभावित करता है। हेपेटाइटिस के कारण यकृत अपने कार्य करने में असमर्थ हो जाता है।
*हेपेटाइटिस के कितने प्रकार होते हैं?/ How many types of Hepatitis?
हेपेटाइटिस के मुख्यत: पांच प्रकार होते हैं। हेपिटाइटिस ए, हेपिटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी, हेपेटाइटिस डी, हेपेटाइटिस ई। हेपेटाइटिस के लिए जिम्मेदार वायरस हैं, हेपेटाइटिस ए, हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी। हेपेटाइटिस के यह तीन प्रकार लोगों में आम है। और वायरल हेपिटाइटिस के प्रकार B और C क्रॉनिक हेपिटाइटिस का कारण बन सकते हैं।
*हेपेटाइटिस के लक्षण (Symptoms) क्या है?
वैसे तो कुछ मामलों में हेपेटाइटिस के लक्षण दिखाई नहीं देते हैं लेकिन लक्षण दिखाई देने पर पीले रंग की त्वचा आंखें पीली, पेट दर्द, थकान, पेशाब का रंग गहरा होना, उल्टी एवं बुखार हो सकते हैं।
*हेपेटाइटिस-A/ Hepatitis-A (HAV)
हेपेटाइटिस-A का संक्रमण दूषित भोजन और दूषित पानी के सेवन करने से फैलता है। यह संक्रमण हाथ ना धोने या किसी गंदे बर्तन में खाना खाने से या उन संक्रमित वस्तुओं के सेवन करने से फैलता है।
*हेपेटाइटिस बी/Hepatitis B (HBV)
हेपेटाइटिस-B को सीरम हेपेटाइटिस के नाम से भी जाना जाता था, पहले माना जाता था की हेपेटाइटिस-B फैलने का मुख्य कारण सीरम या रक्त का तरल भाग है जिसमें वायरस होता है। लेकिन अब यह पता चल चुका है की हेपेटाइटिस बी यौन संपर्क, नशीली दवाओं के दुरुपयोग करने से एवं साझा सुईयों के माध्यम से रक्त या सीरम के हस्तांतरण से या रक्त आधान (by blood transfusion), दाढ़ी बनाने वाला रेजर शेयर करने या टूथब्रश शेयर करने से फैल सकता है। यदि हेपेटाइटिस बी किसी गर्भवती महिला को है अगर हेपेटाइटिस बी की प्रथम खुराक जन्म के तुरंत बाद नवजात शिशु को ना दी गई तो तब ज्यादा संभावना हो जाती है कि उसके शिशुओं में हेपेटाइटिस-B हो जाएगा।
*हेपेटाइटिस सी/Hepatitis C (HCV)
यह वायरस दूषित रक्त के संपर्क ( through blood to blood cantact) में आने से फैलता है या सुईयों को साझा करने से या टैटू उपकरण के साझा करने से भी फैलता है। गर्भवती महिला द्वारा मां से बच्चे में प्रसव के दौरान इस वायरस का हस्तांतरण हो जाता है। इसके प्रमुख लक्षण पेट में दर्द, उल्टी, बुखार, थकान, वजन का कम होना, त्वचा तथा आंखों का रंग पीला हो जाना आदि है।
*हेपेटाइटिस डी/ Hepatitis D (HDV)
हेपिटाइटिस-D वायरस को डेल्टा वायरस भी कहा जाता है। हेपेटाइटिस-D उन्हीं व्यक्तियों को होता है जो पहले से ही हेपिटाइटिस-B वायरस से संक्रमित होते हैं। यह वायरस संक्रमित रक्त आधान ( through Infected blood transfusion), वीर्य या योनि स्राव संक्रमित सुई से हस्तांतरित हो सकता है। इसके प्रमुख लक्षण थकान, जोड़ों में दर्द, पेट में दर्द, आंखों या त्वचा का रंग पीला होना, उल्टी, मूत्र का रंग गहरा होना आदि है। इसके बहुत ही कम संभावना है कि गर्भावस्था के दौरान मां से बच्चे में हो जाए। इसके बचाव हैं की सुरक्षित सेक्स का अभ्यास करने की सलाह दी जाए, इंट्रावेनस दवा की सईयों या आपूर्ति को साझा करने से बचना चाहिए।
*हेपेटाइटिस-ई / Hepatitis-E ( HEV)
हेपिटाइटिस-E वायरस मुख्य रूप से फेकल ओरल ट्रांसमिशन मार्ग ( through faecal oral Transmission) और दूषित पानी ( contaminated water)) के सेवन से फैलता है, जो हेपेटाइटिस-A के ही समान है। इसके लक्षणों में पीलिया, स्वाद का अनुभव न होना, जी-मिचलाना आदि को शामिल किया जाता है।
*हेपेटाइटिस को कैसे रोका जा सकता है?
हेपेटाइटिस को वैक्सीन के माध्यम से रोका जा सकता है। और हेपेटाइटिस को रोकने के लिए कई प्रकार की सावधानियां बरतनी चाहिए जैसे कि- सेक्स का अभ्यास सुरक्षित रूप से करें एवं संक्रमित रक्त आधान से बचना चाहिए। इंट्रावेनस दवा की सुईयों की साझा भागीदारी से बचना चाहिए और किसी भी संक्रमित चीज का सेवन करने से बचना चाहिए।
**उम्मीद करता हूं कि यह लेख आपको पसंद आया होगा। धन्यवाद!!